प्रस्तुत महाकाव्य राम के ईश्वरीय मिथक के माध्यम से एक ओर मौजूदा समय के ज्वलंत विमर्श―स्त्री और दलित―को प्रतिबिंबित करते हुए जाति, वर्ग, संप्रदाय, आदिवासी-उत्पीड़न, हिंसा, अनाचार, आतंकवाद, विश्वयुद्ध की विभीषिकाओं और बाज़़ार के बढ़ते प्रभाव से जुड़़ी समस्याओं पर विचार करने के लिए प्रेरित करता है, तो दूसरी ओर समस्त अराजक, पाशविक और नकारात्मक प्रवृत्तियों को शमित करने के लिए संघर्ष का आह्वान भी। यह संशोधित एवं परिवर्धित संस्करण प्रथम बार प्रस्तुत किया गया है।
Treta (Hindi)Author/s: Udbhrant
प्रस्तुत महाकाव्य राम के ईश्वरीय मिथक के माध्यम से एक ओर मौजूदा समय के ज्वलंत विमर्श―स्त्री और दलित―को प्रतिबिंबित करते हुए जाति, वर्ग, संप्रदाय, आदिवासी-उत्पीड़न, हिंसा, अनाचार, आतंकवाद, विश्वयुद्ध की विभीषिकाओं और बाज़़ार के बढ़ते प्रभाव से जुड़़ी समस्याओं पर विचार करने के लिए प्रेरित करता है, तो दूसरी ओर समस्त अराजक, पाशविक और नकारात्मक प्रवृत्तियों को शमित करने के लिए संघर्ष का आह्वान भी। यह संशोधित एवं परिवर्धित संस्करण प्रथम बार प्रस्तुत किया गया है।
Total Pages: 476
In stock
Category: Non Fiction
Tag: Udbhrant
Description
Shipping & Delivery
For library customers in Pune, order deliveries may take 0-3 days.
Be the first to review “Treta (Hindi)” Cancel reply
Reviews
There are no reviews yet.