अधिकतम से भी अधिक को पढ़कर आशा, अधिकता और संभावनाओं की कई राहें खुल जाती हैं। अपने जीवनभर के शोध से अर्जित किए ज्ञान को लेखक ने इस किताब में अपने पाठकों से साझा किया है। सफलता और खुशहाली के मार्ग की ओर जीने की सामान्य तकनीकों के द्वारा वे हमारा मार्गदर्शन करते हैं और हमारे जीवन में छोटी बड़ी चीज़ों की महत्ता का एहसास कराते हैं। निश्चितता और अनिश्चितता के बीच संशय में पड़े हर व्यक्ति को संतुलन बनाने और अपने अस्तित्व के विकास हेतु यह किताब ज़रूर पढ़नी चाहिए।
Adhiktam Se Bhi Adhik (अधिकतम से भी अधिक)Author/s: Mahatria Ra
अधिकतम से भी अधिक को पढ़कर आशा, अधिकता और संभावनाओं की कई राहें खुल जाती हैं। अपने जीवनभर के शोध से अर्जित किए ज्ञान को लेखक ने इस किताब में अपने पाठकों से साझा किया है। सफलता और खुशहाली के मार्ग की ओर जीने की सामान्य तकनीकों के द्वारा वे हमारा मार्गदर्शन करते हैं और हमारे जीवन में छोटी बड़ी चीज़ों की महत्ता का एहसास कराते हैं। निश्चितता और अनिश्चितता के बीच संशय में पड़े हर व्यक्ति को संतुलन बनाने और अपने अस्तित्व के विकास हेतु यह किताब ज़रूर पढ़नी चाहिए।Total Pages: 244
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Category: Self Help
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